जिद कोई चांद तोडने की
या छूने की आसमान
या छूने की आसमान
कभी लकीरों को मुंह चिढाती
तकदीर से लडने चलती
तकदीर से लडने चलती
कभी खामोश कभी मायूस
कभी खुशियों से लबरेज
कभी खुशियों से लबरेज
भूल जाया करती हैं
झूठे हौसलों में खुद को
झूठे हौसलों में खुद को
कुछहौसले उडना भूल जाते हैं
कुछ को उडने की इजाजत ही नहीं
कुछ को उडने की इजाजत ही नहीं
बडी मासूम और नादान हुआ करती हैं
कुछ ख्वाहिशें.....................
बेमानी सी...........
-----प्रियंका
कुछ ख्वाहिशें.....................
बेमानी सी...........
-----प्रियंका
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