तमाम बंदिशें
चिढ या ताकीद से
या पाबन्दी
कलाई पर बंधे वक़्त की हो
चिढ या ताकीद से
या पाबन्दी
कलाई पर बंधे वक़्त की हो
बड़ी उलझन में थीं
समझ के भी
नासमझ सी
मासूम थी वो
समझ के भी
नासमझ सी
मासूम थी वो
बड़ी मायूसी से
दम तोड़ गयी
कुछ ख्वाहिशे पगली....
----प्रियंका
दम तोड़ गयी
कुछ ख्वाहिशे पगली....
----प्रियंका
बड़ा तकलीफ़ देता हैं दम तोड़ जाना ख्वाहिशों का ..बहुत खूब कितनी आसानी से कह दिया अपने इस दर्द को ...वाह
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