कितनी दुआएं मांगी थीं
साथ तेरा इक पाने को
तेरी जिद के आगे नहीं पता था
कभी खुदा भी बेबस होगा
खुश लम्हों में कब सोचा था
अब एसे दिन भी आएंगे
इन चमकीली आंखों का भी
भीगा भीगा मौसम होगा
एक हंसी सुनने की खातिर
रहता था बेताब जो दिल
कहां खबर थी उसकी ही खातिर
दिल का मौसम पुरनम होगा
कब चाहा था कब सोचा था
तुम भी दूर चले जाओगे
खुशियों की धूप चली जाएगी
छाया गम का बादल होगा
यादें संग मेरे छोड के जाना
बोझ नहीं सह पाओगे
आगे तेरे खुशसफर में
न मेरी प्रीत का बंधन होगा
साथ तेरा इक पाने को
तेरी जिद के आगे नहीं पता था
कभी खुदा भी बेबस होगा
खुश लम्हों में कब सोचा था
अब एसे दिन भी आएंगे
इन चमकीली आंखों का भी
भीगा भीगा मौसम होगा
एक हंसी सुनने की खातिर
रहता था बेताब जो दिल
कहां खबर थी उसकी ही खातिर
दिल का मौसम पुरनम होगा
कब चाहा था कब सोचा था
तुम भी दूर चले जाओगे
खुशियों की धूप चली जाएगी
छाया गम का बादल होगा
यादें संग मेरे छोड के जाना
बोझ नहीं सह पाओगे
आगे तेरे खुशसफर में
न मेरी प्रीत का बंधन होगा
©प्रियंका
bahut khoobsoorat prastuti ke liye aabhar Priyanka ji
ReplyDeleteआभार नवीन जी
Deleteumda prastuti ..badhayi evem shubhkamnaye
ReplyDeletepriyanka ji setting ko thik karke word verification hata lijiye to pathako ko cment dene me suvidha hogi
ReplyDeleteआभार सुनीता जी अवश्य..उपयोगी सलाह हेतु धन्यवाद्।
ReplyDeletethnx Rahul
ReplyDeleteनिशब्द करती रचना.....
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत पंक्तियां.... आमीन...!!!
sundar rachna ...
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