जोत जगे मन भीतर यों बस प्रेम बढे सुख हो अधिकाई
स्वागत द्वारन ठाढि रहे नयना जगते नहि नींद समाई
आस धरे तकते पथ मात रमा कब आय करे पहुनाई
चौक धरे शत दीप जला रख देख रही तुमरी प्रभुताई
-----प्रियंका
तिमिर त्याग आलोकित रजनी
दीप ज्योत की बांध पैजनी
अमा निशा प्रमुदित हो हुलसे
जैसे मिलन को आतुर सजनी
-----प्रियंका
स्वागत द्वारन ठाढि रहे नयना जगते नहि नींद समाई
आस धरे तकते पथ मात रमा कब आय करे पहुनाई
चौक धरे शत दीप जला रख देख रही तुमरी प्रभुताई
-----प्रियंका
तिमिर त्याग आलोकित रजनी
दीप ज्योत की बांध पैजनी
अमा निशा प्रमुदित हो हुलसे
जैसे मिलन को आतुर सजनी
-----प्रियंका
वाह ...चौक धरे शत दीप जला रख देख रही तुमरी प्रभुताई ...मनभावन
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