संकटतारिणि भवभयहारिणि दुःख निवारिणि जय माते
कष्ट निवारिणि कलिमल तारिणि पाप निवारिणि जय माते
खप्पर धारिणि दुष्ट संहारिणि सेवक तारिणि जय माते
जय जय हे महिषासुर मर्दिनि शुम्भ विदारिणि जय माते
कष्ट निवारिणि कलिमल तारिणि पाप निवारिणि जय माते
खप्पर धारिणि दुष्ट संहारिणि सेवक तारिणि जय माते
जय जय हे महिषासुर मर्दिनि शुम्भ विदारिणि जय माते
शतरविलज्जित कुंकुमसज्जित मुखकमल निहारूं जय माते
झन झन झिंझिम झंकृत नुपुर पदकमल पखारूँ जय माते
कलिमलकल्मष कष्ट कलंक कुविचार कुसंग निवारुं जय माते
जय जय हे महिषासुर मर्दिनि शुम्भ वीदारिणी जय माते -----प्रियंका
झन झन झिंझिम झंकृत नुपुर पदकमल पखारूँ जय माते
कलिमलकल्मष कष्ट कलंक कुविचार कुसंग निवारुं जय माते
जय जय हे महिषासुर मर्दिनि शुम्भ वीदारिणी जय माते -----प्रियंका
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