बदलती है तारीख़ें
दिन महीने साल
तलाश में चंद खुशियों की
हम भटकते हैं रोज़
पर जाने क्यों
रह जाता है बहुत कुछ
वैसा ही
बदल नहीं सकते सब कुछ
पर आओ देखें
थोडा सा बदल कर
खुद को ही
---प्रियंका
दिन महीने साल
तलाश में चंद खुशियों की
हम भटकते हैं रोज़
पर जाने क्यों
रह जाता है बहुत कुछ
वैसा ही
बदल नहीं सकते सब कुछ
पर आओ देखें
थोडा सा बदल कर
खुद को ही
---प्रियंका
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