हकीकत है या फ़क़त ख्वाब है सुनहरी ज़िन्दगी
जाने किस मोड़ पर अब आके है ठहरी ज़िन्दगी
जाने किस मोड़ पर अब आके है ठहरी ज़िन्दगी
कभी हो जाते हैं सारे सुर अपने ही बेगाने से
कभी खुशरंग सी है कोई स्वरलहरी ज़िन्दगी
कभी खुशरंग सी है कोई स्वरलहरी ज़िन्दगी
कोई ज़ज्बा कोई हकीक़त या कोई मज़ाक सही
दिल के गोशों में इक ज़ब्त बात है गहरी ज़िन्दगी
दिल के गोशों में इक ज़ब्त बात है गहरी ज़िन्दगी
मिल जाते है नर्म साए राहों में अक्सर यूँ ही
वरना सहरा में तपती कोई है दुपहरी ज़िन्दगी
-----प्रियंका
वरना सहरा में तपती कोई है दुपहरी ज़िन्दगी
-----प्रियंका
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