Saturday 8 February 2014

एक दिन

कितनी दुआएं मांगी थीं
साथ तेरा इक पाने को
तेरी जिद के आगे नहीं पता था
कभी खुदा भी बेबस होगा

खुश लम्हों में कब सोचा था
अब एसे दिन भी आएंगे
इन चमकीली आंखों का भी
भीगा भीगा मौसम होगा

एक हंसी सुनने की खातिर
रहता था बेताब जो दिल
कहां खबर थी उसकी ही खातिर
दिल का मौसम पुरनम होगा

कब चाहा था कब सोचा था
तुम भी दूर चले जाओगे
खुशियों की धूप चली जाएगी
छाया गम का बादल होगा

यादें संग मेरे छोड के जाना
बोझ नहीं सह पाओगे
आगे तेरे खुशसफर में
न मेरी प्रीत का बंधन होगा


©प्रियंका

8 comments:

  1. bahut khoobsoorat prastuti ke liye aabhar Priyanka ji

    ReplyDelete
  2. priyanka ji setting ko thik karke word verification hata lijiye to pathako ko cment dene me suvidha hogi

    ReplyDelete
  3. आभार सुनीता जी अवश्य..उपयोगी सलाह हेतु धन्यवाद्।

    ReplyDelete
  4. निशब्द करती रचना.....
    बेहद खूबसूरत पंक्तियां.... आमीन...!!!

    ReplyDelete