Wednesday 5 February 2014

यूँ ही कभी

यूँ ही कभी
वक़्त के खजाने से
निकल कर
बिखर गए थे
कुछ मोती......

बड़े खूबसूरत
और दिलकश
मगर आज
खोजने से भी
नहीं मिलते
कही उनके निशाँ
बस.....

खामोशियों
की कब्र में
दफ़न हैं
कुछ दास्तानें
बीते लम्हात की....

©प्रियंका

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