Sunday 2 February 2014

दुआएं


कितनी आसानी से
कह दिया तुमने
कुछ दुआएं
मेरे लिए भी कर लो.......


कभी देख ही न पाए
सबसे पीछेभीड मे
कुछ फूल दुआओं के
हाथ में लिए मुझको......


मेरे शब्दों में
आंखों की नमी
महसूस ही नहीं की कभी

पास न होकर भी मैं
हमेशा शामिल हूं

तुम्हारी खुशियों में
तुम देख सको या नहीं

मगर
तुम्हारी
हर तकलीफ में भी
मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं


एक
एहसास बनकर
हर प्रार्थना मे
शामिल हो तुम
क्योंकि......
बहुत खास हो 'तुम'...


©प्रियंका

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