घने पत्तों पर कुछ घमंड से थोडा और लहराया....!!!
पास एक सूखा शज़र नींद से ज्यों जग बैठा...
एक ठंडी से आह मानों अचानक वो ले बैठा...!!!
पेड़ बोला अपने पुराने दिन तुम याद करते हो...
मेरी खुशियों पर तुम क्यों आहें सी भरते हो...!!!
ठूंठ बोला तेरी खुशियों पर नहीं मैं उदास हो रहा हूँ...
अपनी जगह मैं आते कल में तुमको खड़े देख रहा हूँ...!!!
©प्रियंका
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