Sunday 1 March 2015

वजहें मुस्कुराने की

दिन भर की भाग दौड़
झूठी मुस्कराहट
दिखावे के हौसलो
के बाद भी
शाम के धुंधलके
रात की खामोशी
सितारों की टिमटिम
सुबह की नर्म धूप
ताज़े मुस्काते फूलो
ओस की बूंदों
और
मोबाइल की एक बीप
कहीं न कही
मिल ही जाती है
वजहें मुस्कुराने की
-----प्रियंका

1 comment:

  1. वाह बहुत खूब ...वजह ..ढूंढ ही लेती हैं आप ..ये हुनर शायर पैदायशी होगा आप मैं ...बहुत खूबसूरत और संभावनाओं से भरी रचना

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