Sunday 1 March 2015

डाली पर बैटा पीला चांद
जुगनुओं की कतार
रात का सितारों जडा
लहराता आंचल
बंद दरवाजे
खामोश दीवारें
फैली है एक अजीब सी चुप
चारों ओर
अब तलक गूंजती है
छन की आवाज........
शायद
एक ख्वाब टूटा है कहीं..............
-----प्रियंका

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