Sunday 1 March 2015

यादें

रोज़ ही आता है सूरज
लौट जाता है
चहल कदमी कर के
साँझ जोहती है बाट 
पहरों पहर
वक़्त सिखा देता है
तमाम क़ायदे ख़ुद ही
कोई तो सिखा दो
यादों को भी
लौटने का हुनर........
-----प्रियंका

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