नारी मन ---
कर्तव्यों और सम्बन्धों का निर्वहन करते
जीवन पर्यंत झंझावातों का सामना करते
और प्रतिदिन अनगिनत हिसाब किताब करते हुए
उन पलों का सही सही आकलन कहां कर पाता है
जो उसने स्वयं के लिए जिए.........
अंतर्मन के कोमल नन्हें पंखों से
अनन्त आकाश की ऊंचाइयां नापने का एक प्रयास....
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