फुरसत के किसी लम्हे में कभी याद मेरी तो आती होगी......
तनहाई में कभी कभी आवाज मेरी भी सुनाई देती होगी.....
कुछ बीते लम्हे गुमसुम से दिल के कोने में रहते होंगे........
तनहाई में कभी कभी आंसू बनकर बहते होंगे..........
ताजे फूलों की खुशबू भी तुम से कुछ तो कहती होगी......
सर्द हवा के झोंके भी शामें बोझिल करते होंगे........
जब फुरसत अपनी उलझन से सारी तुम पा जाना........
जीवन रहते इक लम्हे को मुझसे मिलने तुम आ जाना
तनहाई में कभी कभी आवाज मेरी भी सुनाई देती होगी.....
कुछ बीते लम्हे गुमसुम से दिल के कोने में रहते होंगे........
तनहाई में कभी कभी आंसू बनकर बहते होंगे..........
ताजे फूलों की खुशबू भी तुम से कुछ तो कहती होगी......
सर्द हवा के झोंके भी शामें बोझिल करते होंगे........
जब फुरसत अपनी उलझन से सारी तुम पा जाना........
जीवन रहते इक लम्हे को मुझसे मिलने तुम आ जाना
..............प्रियंका
अतुलनीय
ReplyDeleteअच्छा लिखा प्रियंका जी
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