Thursday 23 June 2016

खाली सा दिन"
खाली सा दिन...
लम्हा दर लम्हा अपनी ही पीठ पर
खुद को उठाये फिरता बोझिल सा
सदियों की शक्ल में
खर्च होते से लम्हे
पहरों पहर
खुद ही खुद का हिसाब कर बैठते अक्सर
इन खाली दिनों को भरने की
तमाम नाकाम सी कोशिशों में
भरी आँखें भरे मन से
खाली खाली सी मुट्ठियों में
खोजती रहीं
खाली दिनों और खुद का वज़ूद.....!!!
‪#‎प्रियंका‬

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