tag:blogger.com,1999:blog-5344812182638640467.post2807226643706620727..comments2023-07-04T20:49:48.579+05:30Comments on संवेदना: मुुुक्तकAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/00098966293503775561noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-5344812182638640467.post-79537874015041826432016-06-15T12:02:58.343+05:302016-06-15T12:02:58.343+05:30बूंदों से झिलमिल हैं अखियों के कोर...सीली संवेदना...बूंदों से झिलमिल हैं अखियों के कोर...सीली संवेदनाओं के कुछ सुलगते हैं तंतु ....बहुत खूबसूरत... सुन्न चुप्पियों मैं अस्फुट सा शोर .....गहनता हैं संवेदनाओं मैं ...वाह <br />हरीश भट्ट https://www.blogger.com/profile/08494903091515967137noreply@blogger.com